Petrol Has 27 Percent Ethanol Now(E27): भारत सरकार ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20% से बढ़ाकर 27% (E27) करने की दिशा में कदम बढ़ा लिया है। यह नीति न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि किसानों की आय में वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण, और विदेशी तेल पर निर्भरता को भी कम करेगी। यह बदलाव वर्ष 2025 के ऊर्जा और पर्यावरण नीति के तहत सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण नीतियों में से एक बन चुका है। यह नीति “हरित भारत, आत्मनिर्भर भारत” के सपने को साकार करने की दिशा में सरकार का एक ठोस कदम है।
Petrol Has 27 Percent Ethanol Now, इथेनॉल मिश्रण क्या है?
इथेनॉल एक जैविक ईंधन (Biofuel) है जो गन्ने, मक्का, चावल या अन्य कृषि अपशिष्ट से तैयार किया जाता है। जब इसे पेट्रोल में मिलाया जाता है, तो उसे इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल कहा जाता है। इससे न केवल पेट्रोल की खपत घटती है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है।
भारत सरकार ने पहले E10 (10%), फिर E20 (20%) लक्ष्य को हासिल किया। अब सरकार ने E27 (27%) की घोषणा करके साफ संकेत दे दिया है कि भविष्य की ऊर्जा नीति “हरित” और “आत्मनिर्भर” भारत की ओर जा रही है।
E27 नीति के उद्देश्य
- तेल आयात में कमी – भारत लगभग 85% कच्चा तेल आयात करता है। E27 से यह निर्भरता कम होगी।
- पर्यावरण संरक्षण – इथेनॉल कम कार्बन उत्सर्जित करता है, जिससे वायु प्रदूषण घटेगा।
- कृषि आय में वृद्धि – गन्ना व अन्य कृषि उत्पादों की मांग बढ़ेगी जिससे किसानों को सीधा लाभ होगा।
- नवाचार और निवेश को प्रोत्साहन – इथेनॉल उत्पादन संयंत्रों और बायो-रिफाइनरी क्षेत्र में नई नौकरियों और निवेश की संभावना।
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में करीब 35% तक की कमी आती है। इससे विशेष रूप से शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कई शहर वायु प्रदूषण में शीर्ष पर हैं, ऐसे में E27 जैसे कदम बड़ी राहत दे सकते हैं।
किसानों के लिए सुनहरा अवसर
E27 से सबसे अधिक लाभ गन्ना उत्पादक राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, और कर्नाटक को मिलेगा। सरकार का अनुमान है कि इथेनॉल उत्पादन के लिए अतिरिक्त कृषि जैव उत्पादों की मांग से 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी किसान वर्ग को मिल सकती है।
इथेनॉल उत्पादन और इंफ्रास्ट्रक्चर
भारत सरकार ने पहले ही ‘National Bio-Energy Programme’ और ‘Pradhan Mantri JI-VAN Yojana’ जैसी योजनाएं लागू कर रखी हैं। E27 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए:
- नए डिस्टिलरी संयंत्रों को मंजूरी दी जा रही है।
- तेल कंपनियों को इथेनॉल खरीदने के लिए गैर-फ्लक्चुएटिंग मूल्य नीति अपनाने को कहा गया है।
- E27 पेट्रोल को संभालने के लिए इंजन तकनीक और ईंधन पाइपलाइन में जरूरी बदलाव भी किया जा रहा है।
वाहन उद्योग पर असर
E27 मिश्रण वाले पेट्रोल का असर मौजूदा पेट्रोल इंजन वाले वाहनों पर भी होगा। वाहन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वाहन E27 के साथ भी सुचारु रूप से कार्य करें। भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता पहले ही E20 के अनुकूल वाहन बना रहे हैं, अब उन्हें E27 कम्पेटिबल तकनीक अपनानी होगी।
भविष्य की योजना
- वर्ष 2026 तक E27 का चरणबद्ध क्रियान्वयन किया जाएगा।
- सरकार ने 2030 तक Ethanol Economy को 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
- पेट्रोल पंपों को आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
निष्कर्ष
E27 इथेनॉल मिश्रण नीति भारत की ऊर्जा नीति में एक ऐतिहासिक परिवर्तन है। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों, उद्योगों, और आम नागरिकों सभी के लिए सकारात्मक प्रभाव लाता है। पेट्रोलियम उत्पादों पर देश की विदेशी निर्भरता घटेगी और हरित ऊर्जा की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ेगा।
सरकार की यह पहल “हरित भारत, आत्मनिर्भर भारत” की संकल्पना को साकार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।